खेग्रामस के 6ठे राज्य सम्मेनल से संगठन को राज्य के समस्त ग्रामीण गरीबों का प्रतिनिधि संगठन बनाने मनरेगा मजदूर सभा का गठन

खेग्रामस के 6ठे राज्य सम्मेलन से मनरेगा मजदूरों के लिए अलग से मनरेगा मजदूर सभा का गठन किया गया. संगठन की संबद्धता खेग्रामस व ऐक्टू दोनों से होगी. गांव से लेकर राज्य स्तर तक इसके ढांचे का निर्माण किया जाएगा. इसके प्रमुख उद्देश्यों में हैः        1. मनरेगा कानून ग्रामीण मजदूरों का संवैधानिक अधिकार है. इसको लेकर मजदूरों को जागरूक बनाना और इस कानून की रक्षा व क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण मजदूरों को एकताबद्ध करना 2. मनरेगा में दैनिक मजदूरी न्यूनतम 500 रु. करने और 200 दिन कार्यदिवस के लिए संघर्ष करना 3. मनरेगा मजदूरों के सामाजिक सुरक्षा, पेंशन और आवास अधिकार के लिए संघर्ष करना 4. महिला मनरेगा मजदूरों की सुरक्षा, सम्मान एवं अन्य स्त्री अधिकारों के लिए संघर्ष करना 5. कार्यस्थल पर पानी और अन्य सुविधाओं को अनिवार्य बनाने के लिए आवाज उठाना 6. मजदूरों के व्यापक संघर्ष के साथ एकताबद्ध होना, मजदूर विरोधी सत्ता-सरकार के खिलाफ संघर्ष में हिस्सा लेना. मनरेगा मजदूरों का पंचायत, प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर श्रम विभागों में आधिकारिक भागीदारी की गारंटी के लिए संघर्ष करना. ु